ट्रांजिस्टर(transistor)
ट्रांजिस्टर एक प्रकार का सेमीकंडक्टर डिवाइस होता है। इसका प्रयोग सभी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में किया जाता है। बिना ट्रांजिस्टर के किसी भी सर्किट को बना पाना असंभव कार्य है। हमें सभी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में ट्रांजिस्टर दिखाई देता है। ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र का बहुत ही महत्वपूर्ण कंपोनेंट है। इसमें तीन पीने होती हैं। एमिटर ,बेस तथा कलेक्टर। एमीटर तथा कलेक्टर पर इनपुट एवं आउटपुट कनेक्ट करते हैं।
और बेस पिन पर ट्रिगर वोल्टेज प्रदान करते हैं।ट्रांजिस्टर एक नल की तरह होता है हम नल के हैंडल को ट्रांजिस्टर का बेस पिन मान सकते है और जहा से नल मे पानी इन तथा आउट होता है अर्थात जहा से पानी नल के अन्दर जाता है और जहा से पानी बाहर निकलता है इन दोनो प्वाइंटो को एमिटर तथा कलेक्टर मान लेते है ।जिस प्रकार से नल के हेंडल को जितना कम या ज्यादा घुमायेंगे उसके हीसाब से ही नल का पानी भी कम या ज्यादा निकलेगा ।बिल्कुल इसी तरह हमारा ट्रांजिस्टर भी कार्य करता है।
ट्रांजिस्टर अपने अंदर से तब तक विद्युत धारा को प्रवाहित नहीं होने देता है जब तक हम बेस पर ट्रिगर वोल्टेज प्रदान नही करते है। जैसे ही हम बेस पर सप्लाई देते हैं तो ट्रांजिस्टर ऑन हो जाता है। और अपना काम शुरू कर देता है। ट्रांजिस्टर हाई फ्रिकवेंसी पर भी कार्य कर सकता है। इसकी स्विचिंग स्पीड बहुत ही तीव्र होती है। या मार्केट में कई प्रकार के आते हैं। यह अलग-अलग मान के आते हैं। ट्रांजिस्टर दो प्रकार के होते हैं। PNP तथा NPN ट्रांजिस्टर।
NPN ट्रांजिस्टर के बेस पर पॉजिटिव सप्लाई दी जाती है और पी एन पी ट्रांजिस्टर के बेस पर नेगेटिव सप्लाई प्रदान की जाती है।
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