Tuesday, December 14, 2021

IR RECIVER (इंफ्रारेड रिसीवर )

IR RECIVER (इंफ्रारेड रिसीवर )
IR RECIVER देखने में  छोटे   ट्रांजिस्टर  के तरह काले रंग का  होता है।  इसमें भी तीन टाँगे  होती होती हैं। 
इसमें पहली टांग OUTPUT  तथा दूसरी टांग GROUND (NEGATIVE )तथा तीसरी  टांग वक्स (+) की होती है 
जब हम इसपर किसी रिमोट को इसके सामने दबाते है तो  यह कार्य करता है जैसे ही हम रिमोट का बटन  दबाते है तो पहली टांग पर हमें (-) सप्लाई  आउटपुट  प्राप्त होती है। आउटपुट प्राप्त होने के बाद हमरा जो भी काम होना होता है वह रिमोट का बटन दबाने से हो जाता है इसका प्रयोग उन  सभी उपकरणों में होता  है जो रिमोट  से कार्य करते है। 




what is IR cencer ? इंफ्रारेड सेंसर क्या है?

what is IR cencer ? इंफ्रारेड सेंसर  क्या है?

IR CENCER साधारण  LED के जैसी ही होती है लेकिन इसका काम अलग होता है। 
यह INFRARED  LIGHT  ट्रांसमिट  करता है। यह काले या नीली रंग का होता है। 



इसकी लाइट हमारे आखो से नहीं दिखती है। लेकिन इसे  कैमरे  में देखा जा सकता है। 
इसमें दो टंगे होती है कैथोड तथा एनोड। जब  इन  दोनों पोइंटो  पर सप्लाई देते है तो यह LED  जताई है 
और लाइट को ट्रांसमिट कराती है इसका प्रयोग बिभिन्न प्रकार के रिमोट में किया जाता है 
इसके लाइट को प्रयोग करने के लिए IR  RECIVER इंफ्रारेड रिसीवर का प्रयोग किया जाता है। 

what is MOSFET ? मासफेट क्या है?

मासफेट(MOSFET)
(MOSFET) एक सेमीकंडक्टर डिवाइस है। यार ट्रांजिस्टर का ही एक प्रकार है। लेकिन यहां ट्रांजिस्टर से बिल्कुल अलग है। इसका पूरा नाम मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर फील्ड इफेक्ट ट्रांसिस्टर(metol oxide cemicunductor field effect transistor) है।  याद ट्रांजिस्टर का एक रूप है।  इसमें भी तीन-तीन होती हैं गेट ,ड्रेन ,एंड सोर्स( gate, drean,source,)
  इसमें सोर्स( source) इनपुट तथा  ( drean)आउटपुट होता है। और गेट (gate)ट्रिगर पिन होती है।
 इसकी हाई फ्रिकवेंसी स्विचिंग इसे ट्रांजिस्टर से अलग बनाती है। इसके स्विचिंग स्पीड ट्रांजिस्टर की अपेक्षा अधिक होती है। इसका प्रयोग सभी छोटे-बड़े इनवर्टर , वेल्डिंग मशीन , इंडक्शन इत्यादि में किया जाता है। या देखने में ट्रांजिस्टर के तरह ही होता है। या मार्केट में अलग-अलग एंपियर के हिसाब से आते हैं अलग-अलग नंबर के हिसाब से आते हैं।

what is transistor?ट्रान्जिस्टर क्या है?

ट्रांजिस्टर(transistor)
 ट्रांजिस्टर एक प्रकार का सेमीकंडक्टर डिवाइस होता है। इसका प्रयोग सभी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में किया जाता है। बिना ट्रांजिस्टर के किसी भी सर्किट को बना पाना असंभव कार्य है। हमें सभी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में ट्रांजिस्टर दिखाई देता है। ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र का बहुत ही महत्वपूर्ण कंपोनेंट है। इसमें तीन पीने होती हैं। एमिटर ,बेस तथा कलेक्टर।  एमीटर तथा कलेक्टर पर इनपुट एवं आउटपुट कनेक्ट करते हैं।  
 और बेस    पिन पर ट्रिगर वोल्टेज प्रदान करते हैं।ट्रांजिस्टर एक नल की तरह होता है हम नल के हैंडल को ट्रांजिस्टर का बेस पिन मान सकते है और जहा से नल मे पानी इन तथा आउट होता है अर्थात जहा से पानी नल के अन्दर जाता है और जहा से पानी बाहर निकलता है इन दोनो प्वाइंटो को एमिटर तथा कलेक्टर मान लेते है ।जिस प्रकार से नल के हेंडल को जितना  कम या ज्यादा घुमायेंगे  उसके हीसाब से ही नल का पानी भी कम या ज्यादा निकलेगा ।बिल्कुल इसी तरह हमारा ट्रांजिस्टर भी कार्य करता है।
 ट्रांजिस्टर अपने अंदर से तब तक विद्युत धारा को प्रवाहित नहीं होने देता है जब तक हम बेस  पर ट्रिगर वोल्टेज प्रदान नही करते है। जैसे ही हम बेस पर  सप्लाई देते हैं तो ट्रांजिस्टर ऑन हो जाता है। और अपना काम शुरू कर देता है। ट्रांजिस्टर हाई फ्रिकवेंसी पर भी कार्य कर सकता है। इसकी स्विचिंग स्पीड बहुत ही तीव्र होती है। या मार्केट में कई प्रकार के आते हैं। यह अलग-अलग मान के आते  हैं। ट्रांजिस्टर दो प्रकार के होते हैं। PNP   तथा NPN  ट्रांजिस्टर।
 NPN ट्रांजिस्टर के बेस पर पॉजिटिव सप्लाई दी जाती है और पी एन पी ट्रांजिस्टर के बेस पर नेगेटिव सप्लाई प्रदान की जाती है।

Monday, December 13, 2021

डायोड क्या है ? what is daiod?

डायोड  क्या है ? what is daiod?
   डायोड  एक तरह  का सेमीकन्डक्टर  डिवाइस होता है  यह इलेक्ट्रॉनिक सर्किट  का बहुत ही अहम  
वस्तु  होता है हम कह सकते है की डायोड  के बिना कोई भी सर्किट नहीं बन सकती है। 
यह ac  (alternating  current ) को dc (dairect  current )में परिवर्तित करता है 
इसमें दो टर्मिनल्स होते है कैथोड तथा एनोड यह काले रंग का होता है. इसपर एक तरफ सफ़ेद लाइन बानी होती है 
कला वाला भाग negative 
 तथा सफ़ेद वाला भाग possitive  होता है। 
इसमें जब हम धारा  को प्रवाहित करते है तो यह केवल एक धरा को ही एक तरफ से गुजरने  देती है  मतलब अगर हम नेगेटिव सप्लाई को अगर हम एनोडे पर दे दे तो डायोड  इस करेंट को अपने अंदर से गुजरने नहीं देती है 

लकिन जब हम इसी  धारा  को कैथोड पर देते है तो डायोड  इस धारा  को अपने अंदर से गुजरने देती है। 
डायोड  कुछ इसी प्रकार से कार्य करता है। यह मार्किट में अलग अलग एम्पीयर  के आते है जैसे_1A ,2A ,3A ,5A ,6A , इत्यादि। 



रिले क्या है ? (what is relaey)





रिले क्या है ?   (what is relaey)







रिले  electronics  का बहुत है महत्तवपूर्ण  सामन है।  यह electromagnet  के सिद्धान्त  पर कार्य करता है 
इसमें एक coil  होती है  और कॉमन ,no  तथा nc  टर्मिनल होते है।इसमें कमान टर्मिनल प्रायः  nc  टर्मिनल से जुड़ा होता है   लेकिन इसके 
coil  में जब हम बिधुतधारा प्रदान करते है तो coil  के आस  पास  electromaganet तैयार हो जाता है। 
जिसके कारण  कमान टर्मिनल nc से हटकर no टर्मिनल पर चिपक जाता है। जिसके कारण  हमारी  करंट nc टर्मिनल से न बहकर no टर्मिनल से बहाने लगाती है 
इसका प्रयोग ऑटोमेटिक सामानो  में स्वीच  के लिए प्रयोग लम्हे लिया जाता है 
इसका प्रयोग बहुत से मचिनो में किया  जाता है  जैसे _ इनवर्टर ,stebelizer ,बिल्डिंग मशीन ,यूपीएस ,तथा समस्त  ऑटोmeticmetic  मशीनों में इसका प्रयोग किया जाता है 
यह बाजार में अलग अलग एम्पियर के आते है जैसे ,6A ,10A ,25A ,30A  इत्यादि मान के अनुसार  मारकेट  में उपलब्ध  होते है। 


what is potansomiter?

 what is potansomiter?
 potansometer एक प्रकार का परिवर्तनशील  प्रतिरोध veriable  ragistance ही होता है
यह एलेक्ट्रोनिक्स   का एक महत्वपुर्ण  सामग्री है। 

इसमें तीन पिने होती है 1    इनपुट  (input ) 
                                   2  आउटपुट (output )
                                   3   ग्राउंड (ground )
इसमें पहली पिन input तथा दूसरी पिन output तथा तीसरी पिन ground  की होती है 
यह बाजार में अलग अलग मान के आते है जैसे _1k ,5k ,10k  500k  इत्यादि। 
इसका प्रयोग अलग अलग स्थानों  पर किया जाता है 
जैसे_ रेडिओ ,emplifire , powersupply  ,बिल्डिंग मशीन , इत्यादि में इसका प्रयोग किया जाता है। 

luninous ico watt transistr location detail

  DRAIN CHANNAL 1 Q24-  7CW,1F,1P  NPN Q22-  2F                PNP Q26-  7CW,1F,1P  NPN Q25-  2F                PNP Q23-  7CW,1F,1P  NPN DR...