Friday, December 31, 2021

what is inductor ? इंडक्टर क्या है?

what is inductor ? इंडक्टर  क्या है?


हेलो दोस्तों , 
आज हम जानेंगे  इंडक्टर inducture  क्या होता है ,
इंडक्टर एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स है  इसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक्स में बहुत से स्थानों पर किया जाता है 
 इंडक्टर inducture  एक तार की कुंडली coil  हे होती है  इस coil  को फेराइड कोर पर लपेटा जाता है ।
इसका प्रयोग सर्किट में फिल्ट्रेसन filtreson , के कार्य के लिए किया जाता है । यह capacitor के सामान ही कार्य करता है लेकिन इसमें स्टोर हुई विद्युत्धारा उलटी दिशा में होती है इसका प्रयोग सर्किट में कर्रेंट को फ़िल्टर करने एव वोल्टेज बूस्टिंग इत्यादि के लिए इसे ज्यादातर प्रयोग  किया जाता है। यह ज्यादातर copper  ताम्बे धातु का बनाया जाता है ।

Wednesday, December 29, 2021

थर्मल पेस्ट क्या होता है?what is thurmal pext ,where use this componantsand why?

थर्मल पेस्ट क्या होता है?what is thurmal pext ,where use this componants and why?


अब हम जानेंगे थर्मल पेस्ट (thermal pext ) के बारे में ।थर्मल पेस्ट एक प्रकार का सफ़ेद पेस्ट होता है जिसको हम उस कॉम्पोनेन्ट पर प्रयोग करते है जिसमे हीट  उष्मा ज्यादा उत्पन्न होती है और  जहा पर हीटसिंक heatsink  का प्रयोग किया जाता है ।इस थर्मल पेस्ट को कॉम्पोनेन्ट एव हीटसिंक के बिच में प्रयोग किया जाता है जिसके कारण से दोने के बिच में कोई भी गैप स्थान नहीं होती है जिससे कूलिंग प्रॉपर हो  पाती है और कॉम्पोनेन्ट ज्यादा दिन तक चलता है यह थर्मल पेस्ट उष्मा का सुचालक होता है । इसका प्रयोग उन उपकरणों में किया जाता है जिसमे कूलिंग की जरुरत  होती है जैसे_ मॉस्फेट  , माइक्रोप्रोसेसर , माइक्रोकंट्रोलर , मॉस्फेट ,trandistar , डायोड्स , इत्यादि स्थानों पर इसका प्रयोग किया जाता है ।

हिटसिंक क्या है?what is heatsink

हिटसिंक क्या है?what is heatsink


आज हम हिटसिंक heatsink के बारे में जानेंगे । यह एल्युमिनियम या पीतल या किसी ठंढी धातु का बना होता है । इसका प्रयोग अनेको जगहों पर किया जाता है । यह हमारे  किसी किसी कम्पोनेंट्स के ऊपर या पीछे लगाया जाता है जिससे ये हमारे कम्पोनेंट्स को कूलिंग cooling प्रदान करता है जिससे हमारा कम्पोनेंट्स गर्म होकर ख़राब नहीं होता है । इसको माइक्रोप्रोसेसर ,मॉस्फेट, माइक्रोकंट्रोलर ,ट्रांजिस्टर ,डायोड ,ट्रेक , scr इत्यादि के साथ heatsink  हीटसिंक का प्रयोग किया जाता है । कॉम्पोनेन्ट को heatsing  के ऊपर  स्क्रू से टाइट कसते है या कुछ कम्पोनेंट्स में हीटसिंक को कम्पोनेंट्स के ऊपर  प्रयोग किया जाता है

Tuesday, December 28, 2021

PTC क्या होती है?what is PTC?

PTC क्या होती है?what is PTC?

अब हम PTC के बारे में जानेंगे ,
PTC  भी NTC के जैसे ही काम करती है।इसका पूरा नाम positive tempreture  cofficiant  पॉजिटिव टेम्प्रेचर कोफिसिएंट होता है यह भी NTC के जैसा ही होता है बस फर्क इतना होता है की NTC का तापमान बढ़ाने पर इसका प्रतिरोध घटता है लेकिन  PTC  में तापमान बढ़ाने पर इसका प्रतिरोध भी बढ़ाता है ।
आजकल NTC  का प्रयोग  ज्यादा किया जाता है , PTC  का प्रयोग बहुत कम स्थानों पर किया जाता है ।जैसे इसका प्रयोग CRT TV में डिगाजिंग कोइल dogazing coil  में पिक्चर ट्यूब को demagnetigh  करने के लिए प्रयोग किया जाता है ।जब TV चालू होती है तो पिक्टर ट्यूब को demagnetigh  करने के लिएइसका प्रयोग किया जाता है जब TV में सप्लाई इन होती है तो उस समय PTC  के टेम्प्रेचर  एव प्रतिरोध कम होता है लेकिन जब कुछ सेकेंड के बाद पिक्चर ट्यूब dimagnetigh हो जाता है फि यह गर्म होकर अपने प्रतिरोध को बढ़ा लेता है जिसके बाद coil  में सप्लाई जानी बंद हो जाती है पिक्टर ट्यूब को केवल एक ही बार demagnetigh  करना होता है ताकि पिक्चर ट्यूब के कलर न बिगड़े ।

NTC क्या होता है? what is NTC?

NTC क्या होता है? what is NTC?


हेलो दोस्तों ,
 आज हम NTC के बारे में जानेंगे 
NTC एक प्रकार का रजिस्टन्स ही होता है।इसका पूरा नाम (negative tumpretur  coficiant) नेगेटिव टम्परेचर कोफिसिएंट होता है। इसका प्रयोग ज्यादातर smps  में सीरीज में प्रयोग किया जाता है ।इसका रजिस्टन्स इसके तापमान पर निर्भर रहता है जैसे जैसे इसके तापमान बढ़ाता है वैसे ही इसके प्रतिरोध में परिवर्तन होती है 
इसको smps  पावर सप्लाई में ज्यादातर प्रयोग किया जाता है जब हम smps  को सप्लाई प्रदान करते है तो smps का मेन कैपेसिटर जब पहली बार  चार्ज होता है उस समय सर्किट में ज्यादा एम्पियर करेंट फ्लो होता है जिसके  कारण हमारा फ्यूज जल सकता है इसी कारण smps में NTC का प्रयोग किया जाता है ।इसका प्रतिरोध सुरु मे ज्यादा होता है लेकीन गर्म होने पर इसका प्रतिरोध कम हो जाता है। जब smps  में अचानक करंट देते है तो कपैसिटर चार्ज होते समय सर्किट से ज्यादा करंट लेता है  जब कपैसिटर चार्ज होता है तो उस केश में करंट ज्यादा लेने के कारण ntc  गरम हो जाता है जिसके कारण इसका प्रतिरोध घट जाता है जैसे जैसे कपैसिटर चार्ज हो जाता है वैसे से ntc  का तापमान सामान्य हो जाता है और इसका प्रतिरोध भी सामान्य हो जाता है । इसको प्रोटेक्शन के दृस्टि से प्रयोग किया जाता है ।यह काले रंग का वेरिस्टर के तरह ही होता है ।

Monday, December 27, 2021

SMDकाम्पोनेन्ट्स क्या होते है ?(SMD componants)

SMDकाम्पोनेन्ट्स क्या होते है ?(SMD componants)



smd componants 
हेलो दोस्तों , आज हम smd componants  के बारे में जानेंगे । इसका  पूरा नाम सरफेस माउंट डिवाइस serface mounted device होता है । ये कॉम्पोनेन्ट हमारे सामान्य कम्पोनेंट्स से अलग होते है । ये कम्पोनेंट्स हमारे सामान्य कॉम्पोनेन्ट की तुलना में काफी छोटे होते है लेकिन काम उतना ही करते है । ये कम्पोनेंट्स बहुत कम स्थान घेरते है जिससके कारण इससे बनाई गयी सर्किट सामान्य सर्किट से काफी छोटी हो जाती है हमारे हर कम्पोनेंट्स के smd  कॉम्पोनेन्ट होते है हम दोनो मे से कीसी से भी कोई भी सर्किट  बना सकते है बस साइज का फर्क देखने की मिलेगा दोनों सर्किट का कार्य सामन होगा ।
इसके निम्न कॉम्पोनेन्ट आते है जैसे _
smd डायोड 
smd  रजिस्टेन्स 
smd  कैपेसिटर 
smd zenor डायोड 
smd मॉस्फेट, ट्रांसिस्टर,coil रेगुलेटर इत्यादि smd वरजन  के कॉम्पोनेन्ट आते है आज कल लगभग सभी उपकरण smd निर्मित आ रहे है जैसे _    लेपटॉप डेस्कटॉप , इन्वर्टर  ,स्टेबलाइजर , बिल्डिंग मशीन इत्यादि की सर्किट smd  में आ रहे है। हम कह सकते है की आजकल का युग smd युग है । इन सर्कीट मे आगे और पीछे दोनो तरफ components काम्पोनेन्ट्स लगे होते है ।यह एक सामान्य सर्कीट है ,जो देखने मे काफी बडी लग रही है ।अगर हम इसी सर्कीट को smdमे बनाये तो यह सर्कीट बहुत छोटी हो जायेगी।इन सर्कीट को आसानी से रीपेयर कीया जा सकता है।यह एक smd सर्कीट है अगर हम इस स्कीट को सामान्य तरीके से बनाये तो यह सर्कीट बहुत बडी होगी।इन सर्कीट की रीपेयरींग थोडी जटील होती है।

जिनर डायोड क्या है?(zener daiod)

जिनर डायोड क्या है?(zener daiod)


जिनर डायोड एक प्रकार का डायोड ही  है यह दीखने मे मे एसा लगता है जैसे यह सिसे का बना हो। यह लाल रंग का होता है इसमे भी दो पार्ट होते है एनोड एव कैथोड।इसका  प्रयोग बहुत से स्थानो पर कीया जाता है इसका प्रयाेग  लगभग सभी सभी सर्किटो मे कीया जाता है  इसको अलग अलग कामो के लिये भी प्रयोग कीया जाता है।इसका प्रयोग मुख्य रुप से  वोल्टेज रेगुलेटर (voltege regulater)के रुप मे कीया जाता है।यह बोल्टेज को रेगुलेट करता है ।
जितने  वोल्ट का जिनर डायोड अगर सर्कीट मे उससे अधिक वोल्टेज आ जाता है तो यह उस वोल्टेज को रेगुलेट करता है ।अगर जिनर डायोड के वोल्टेज से बहुत ज्यादा वोल्टेज सर्कीट मे प्रवेश करता है तो  जिनर डायोड उस वोल्टेज को रेगुलेट नही कर पायेगा और यह सार्ट होकर सर्कीट को प्रोटेक्सन प्रदान करता है।जिससे आगे के  काम्पोनेन्ट खराब नही होते है ।यह वोल्टेज को फिक्स करने का कार्य करता है इसको ज्यादातर  सर्कीट के सप्लाई के पैरलल मे लगाया जाता है इसपर एक तरफ काली रेखा बनी होती है जो पाजिटीव हिस्सा होता है।यह मार्केट मे अलग अलग मान के आते है जैसे-1v,2v,2.2v,3v,4v,5v,5.5v,इसी प्रकार से अलग अलग मान के जिनर डायोड आते है जहा जिस जिनर का प्रयोग होता है उसे प्रयोग कर लिया जाता है।

Saturday, December 25, 2021

voltage booster curkit

VOLTEGE BOOSTER CURKIT वोल्टेज बूस्टर सर्किट 
आज हम वोल्टेज बूस्टर सर्किट के बारे में पढ़ेंगे। कई बार ऐसा होता है की किसी  इलेक्ट्रॉनिक मशीन को रन करने के लिए ज्यादा वोल्टेज की आवस्यकता होती है  लेकिन हमारे पास उतने वोल्टेज का ट्रांसफॉर्मर नहीं होता है ऐसे स्थान पर इस सर्किट का प्रयोग किया जा सकता है इसमें 2 इलेक्ट्रोलाइट कपैसिटर और 2 डायोड के मदद से हम इस सर्किट को बना सकते है सबसे पहले हाँ दोनों capacitar को सीरीज में कनेक्ट करते है ऐसी प्रकार डायोड को भी सीरीज में जोड़कर डायोड का + तथा - दोनों को कपैसिटर के पैरेलल में कनेक्ट करते है ।
अब हम ट्रांसफॉर्मर का सेकेंडरी को  दोनों कपैसिटर के बिच में और दोनों डायोड के बिच में कनेक्ट करेंगे ।
और आउटपुट डायोड के दोनों पॉइंटो से ले लेंगे । जितने वोल्ट का ट्रांसफॉर्मर होगा उसके दो गुना ज्यादा वोल्टेज मिलेगा और यह वोल्टेज दस वोल्टेज होगा । अब इसमें ध्यान देने वाली एक बात है इसमें कपैसिटर  आउटपुट वोल्टेज के अनुसार सलेक्ट करे,नहीं तो कपैसिटर ब्लॉस्ट हो जायेगा । इस सर्किट का आउटपुट वोल्टेज हम किसी भी dc  उपकरण में हम कर सकते है ।
अब हम सर्किट डाइग्राम के माध्यम से जानेंगे की इसको कैसे बनाना है ।इस सर्किट में हम 12 वोल्ट  का ट्रांसफॉर्मर ,5408 डायोड ,इलेक्ट्रोलाइट कपैसिटर 4700uf 45या 25 वाल्ट का प्रयोग कर रहे है ।
आप अपने वोल्टेज के अनुसार कम्पोनेंट्स को लगाए।
एक बात और यह सर्कीट केवल रेक्टीफायर के लिये है।

Friday, December 24, 2021

what is verister?(MOV)वैरिस्टर क्या है ?


voltage booster curkitवेरिस्टर (verister (MOV))  METOL OXIDE VERISTER
हेलो दोस्तों आज हम जानेंगे  वेरिस्टर verister  क्या होता है। 

वेरिस्टर सब्द को इलेक्ट्रॉनिक्स के variable और ragister  से लिया गया है वेरिस्टर (verister ) एक तरह का रजिस्टर ही होता है। जो  परिवर्तनशील रजिस्टर का काम कराती है। इसको  इलेक्ट्रॉनिक्स में बहुत सारे स्थानों पर प्रयोग किया जाता है। इसमें ज्यादातर दो पिने होती है जिनको सप्लाई से पैरलल  में लगाया जाता है जैसे जैसे हम वोल्टेज को सर्किट में बढ़ाते है वैसे ही इसका प्रतिरोध rasistance  कम  होता जाता है इसका प्रयोग अधिकतर ac  विद्युत्धारा वाले सर्किट में प्रयोग किया जाता है ।
यह एक सुरक्षा उपकरण के तौर पर इस्तेमाल करते है ।इसको  ज्यादातर एसएमपीएस smps या पॉवेरसप्लाई 
इत्यादि में प्राइमरी भाग में फ्यूज या फ्यूज रजिस्टर के बाद प्रयोग करते है।जैसे ही इसमें हम दिए जाने वाले वोल्टेज से ज्यादा वोल्टेज इसपर आता है तो इसका प्रतिरोध घट जाता है जिसके कारण  सर्किट में सॉर्ट सर्किट हो जाता है जिसके कारण इसके पहले लगा हुआ फ्यूज और वेरिस्टर दोनों ख़राब हो जाते है  जिससे हमारी हाई वोल्टेज की सप्लाई हमारे सर्किट में नहीं जाती है जिससे हमारा आगे का भाग ख़राब नहीं होता है ।इसको mov  के नाम से भी जाना जाता है । इसका प्रयोग सर्किट में फिल्ट्रेशन के काम के लिए भी प्रयोग किया जाता है । यह मार्केट मे अलग अलग मान के आते है।जैसे- 5D,10D,15D इत्यादी।

Thursday, December 23, 2021

what is Microcontroler ? माइक्रोकन्ट्रोलर क्या है?

what is Microcontroler ? माइक्रोकन्ट्रोलर क्या है?

हेलो दोस्तों , आज के सेशन में हम जानेंगे  माइक्रोकंट्रोलर क्या होता है ।
माइक्रो कंट्रोलर एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसका प्रयोग लगभाज आज के युग में हर स्थानों पर किया जाता है । microcontroler  4 से लगभग 64 या उससे ज्यादा पिनो के साथ आते है। ऐसे हम एक कंप्यूटर भी कह सकते है क्योकि इससे इनपुट ,आउटपुट , cpu , सबकुछ इसके अंदर ही होता है । इसमें यह किसी भी मशीन में मस्तिष्क का काम करता है सारे मशीनों को इसी के द्वारा कंट्रोल किया जाता है।esako प्रयोग करने के लिए सबसे पहले इसमें प्रोगरामिंग फीड किया जाता है। इसकी microcontroler  एसेम्बली लैंग्वेज़ को हे केवल समझता है । इसकी प्रोगरामिंग को आसान बनाने के लिए कम्पाइलर compiler  का प्रयोग करते है जिससे प्रोगरामिंग थोड़ी आसान हो जाती है । कम्पाइलर compiler हमारे compiler  की भाषा को एसेम्बली भाषा में परिवर्तित कराती है ।  माइक्रो कंट्रोलर को प्रोग्राम करने के लिए हमें एसेम्बली लैंग्वेज़  अथवा c या c++   प्रोगरामिंग लैंग्वेज़  का ज्ञान होना आवश्यक है  बिना इन सब के प्रोगरामिंग नहीं हो सकती है। और बिना प्रोग्राम किये हम ऐसे नहीं उसे कर सकते है । हम इसे अलग अलग मशीनों के लिए प्रोग्राम करके ऐसे उसे कर सकते है।

Wednesday, December 22, 2021

थ्री फेस मोटर कनेक्सन (star and delata)

थ्री फेस मोटर कनेक्सन (star and delata)
हेलो  दोस्तों ,
आज से सेसन में हम  के मोटर का कनेक्शन करना जानेंगे। मोटर में तीन फेस प्रयोग किये जाते है जिन्हे हम (R,Y,B) से प्रदर्शित करते है।थ्री फेस मोटर के कनेक्शन प्लेट में कुल 6 तारे निकलती है। इसमें सप्लाई देने के लिए कनेक्शन करना पड़ता है। थ्री फेस मोटर का कनेक्शन दो तरह से किया जाता है।
1॰ star conection(स्टार कनेक्शन)
2॰ delta conection(डेल्टा कनेक्शन)
1॰ स्टार कनेक्शन= इस प्रकार का मोटर का प्रयोग का मोटर काम लोड वाले स्थानों पर किया जाता है 
               इस प्रकार के कनेक्शन में मोटर के प्रत्येक coil  को केवल एक ही फेस सप्लाई दी जाती है जिसके । इस कनेक्शन में मोटर के तीनो coil  में एक एक फेस सप्लाई दी जाती है और प्रत्येक coil  का दूसरा सिरा एक स्थान पर जोड़ा जाता है  जो नूट्रल का  काम करता है । इस परकान के मोटेरो में एक कएल में एक फेस देने के कारण इसपर ज्यादा लोड को नहीं डाला जाता है।
2॰ डेल्टा कनेक्शन = जिन मोटेरो से ज्यादा लोड वाले कार्य को करना होता है वह हम थ्री फेस मोटेरो का कनेक्शन डेल्टा में किया  जाता है जिसके कारण मोटर के सभी coil  में दो सप्लाई से जोड़ा जाता है 
इससे मोटर की स्पीड भी बढ़  जाती है और मोटर पर ज्यादा लोड भी डाला जा सकता है।
इन मोटेरो में मोटर के कनेक्शन प्लेट में 6 तारो को इस प्रकार जोड़ते है की प्रत्येक coil  को दो फेस सप्लाई मिले 
इन मोटेरो में  coil  त्रिभुजाकार आपस में जुड़े होते है इस कारन से इसे डेल्टा कनेक्शन कहा जाता है ।

Tuesday, December 21, 2021

रजिस्टेन्स (resistance) का मान कैसे निकाले?how to find ragistance velue?

रजिस्टेन्स  (resistance) का मान कैसे निकाले?how to find ragistance velue?

हेलो दोस्तों ,आज हम सीखेंगे  रजिस्टैंस के कलर के हिसाब से रजिस्टैंस का मान कैसे निकालते है 
जानने के लिए पुरे ब्लॉग को  जरूर पढ़े 
सबसे पहले हम 4 बैन्ड  के रजिस्टेंस की बात करेंगे  इसमें 4 कलर होंगे  सबसे आखिरी वाले बैंड में गोल्डन या सिल्वर कलर होते है  ये दो कलर टॉलरेंस को दर्शाते है हमारे रजिस्टन्स का टॉलरेंस कितना है हमें अंतिम बैंड से पता लगता है  रजिस्टन्स का टॉलरेंस जितना होगा हम  सर्किट में उतने प्रतिशत काम या ज्यादा मान का रजिस्टन्स प्रयोग कर सकते है , रजिस्टन्स के मान को पता करने के लिए हमें हर कलर का एक कोड होता है उसे जानना होगा  तो सबसे पहले हम रजिस्टन्स के कलर के कोड को जानेंगे , फिर हम इसने नियम के बारे में जानेंगे
 कलर        कोड 
काला          0
भूरा           1
लाल          2
नारंगी         3
पीला          4
हरा           5
नीला          6
बैगनी         7
स्लेटी         8
सफ़ेद         9
सुनहरा        10 (tolrence +-5%)
सिल्वर        11 (tolrence +-10%)
अब हम कलर के प्रत्येक कोड के बारे में जान चुके है बात बात करते है इसके नियम के बारे में 
1॰  सबसे पहले हम ये देखते है की हमारा सुनहरा या सिल्वर कलर किस तरफ है  हमेशा हम जिधर सुनारहा कलर होता है हमेशा उसके बिपरीत दिशा से मान को निकलना प्रारम्भ करते है है मतलब जिस तरफ सुनहरा कलर होगा उस साइड से गिनती नहीं करेंगे उसके उलटे साइड से गिनना आरंभ करेंगे ।
2॰ यदि कला रंग तीसरे स्थान पर आता है तो उसके स्थान पर कोई भी मान नहीं लिखेंगे  मतलब अगर तीसरे स्थान पर कला कलर हो तो हम इसके मान को नहीं गिनते है इसे छोड़ देते है।
3॰ यदि रेगिस्ताने का मान 1000 से  काम है तो उसके आगे oham  लिखेंगे अगर रजिस्टन्स का मान 1000 से अधिक आता है तो उसमे 1000 से भाग कर देते है और  जो मान प्राप्त होता है उसके आगे हम kilo ohm   लिखते है।
3जब रजिस्टन्स का मान 1000   किलो ओम से अधिक हो ज जाती है तो उसमे भी 1000 से भाग करके जो मान प्राप्त होता है उसके आगे मेगा ओम लिखते है।
 चलिए अब हम रजिस्टन्स का मान निकलते है 
सबसे पहले हम पहले बैंड को देखते है जो पहले कलर का मान होता है उसे हम लिखते है इसी प्रकार हम दूसरे बैंड के मान को भी लिख लेते है अब हम आते है तीसरे बैंड की तरफ ,तीसरे बैंड में जो कलर होता है उसके मान के हिसाब से 0 बढ़ा  लेते जैसे _मतलब अगर हमारा तीसरा कलर लाल है तो लाल रंग का मान 2 होता है तो multiplayer  के स्थान पर हम दो जीरो बढ़ा देते है और हमारे रजिस्टन्स का मान हमें प्राप्त हो जाता है ।
उदहारण 
      जैसे हम मान लेते है की किसी रजिस्टर का कलर है (भूरा कला भूरा ,सुनारारा ) है तो हम इसका मान निकालेंगे   भूरा =1,कला=0,भूरा =1,सुनरहरा (tolrence +-5%)
 इस प्रकार इस रजिस्टन्स का मान होगा 100 ओम और इसका अंतिम बैंड सुनहरा है इसलिए इसका tolrence+-5% होगा ।

Sunday, December 19, 2021

HK ELECTRONIC LAB

*(H.K ELECTRONIC LAB)*
*हमारे  यहा  स्मार्ट  हाउस  वायरिंग  जैसे_*
*1.   रिमोट कन्ट्रोल हाउस* *वायरिंग(REMOTE CONTROL)*
*2.   क्लैप कन्ट्रोल( CLAP CONTROL)*
*3.   वाइस कन्ट्रोल( VOICE CONTROL)*
*4.    ब्लुतुथ कन्ट्रोल(BLUETOOTH CONTROL)*
*5.    Wi Fi  कन्ट्रोल (WI FI CONTROL)*
*6.    सेंसर टेक्नोलाजी हाउस वायरींग(SENCERS CONTR)*
*7.    वेब कन्ट्रोल( WAVE CAMERA)*
*8.     वेब कैमरा एव  सभी प्रकार के( HOME AUTOMATION)  होम आटोमेसन  एव  आइ ओ टी प्रोजेक्ट* *( IOT PROJECT) हमारे यहा डेवलप कीये जाते है।*
*TECHNITION:  H.K MAURYA.*
  *MOBILE       :  8808732518* *ADDRESS     :   KHEMPIPARA*

Saturday, December 18, 2021

LED BLINK PROGRAM

LED  BLINK PROGRAM 

इस  बार हम  ARDIUNO  के लिए LED  को ब्लिंक करने के लिए हम प्रोग्राम लिखेंगे। 
ARDIUNO  प्रोग्राम लिखने के लिए हमें कुछ चीजोंका ध्यान  रखना पड़ेगा।  अगर प्रोग्राम में कोई छोटी गलती भी होती है तो प्रोग्राम अपलोड नहीं होगा एरर आएगा।  हमें प्रोग्राम के अंत में कमा लगाना होगा और हमारा प्रोग्राम कोस्टक में बंद रहेगा। 
ार्डिनो प्रोग्राम हम दो भागो में लिखते है 
1. void setup 
 2. void  loop 
1. void setup _इसमें हम ardiuno  को बताते है की ardino  का कौन सा पिन हम किस लिए प्रयोग कर रहे है। 
जैसे _जैसे मान लेते है हम ardiuno  का पिन नम्बर 1  को  आउटपुट  के लिए प्रयोग कर रहे है तो हमें  ardiuno  को हमें बताना होगा की हम पिन नंबर 1  को आउटपुट के लिए प्रयोग कर रहे है इसके लिए हम pinMode  कमांड का प्रयोग करते है
ex 
   void setup (){
_pinMode (1 ,OUTPUT );
}
  2. void  loop _इसमे हम अपना मेन प्रोग्राम लिखते है हम ardiuno से आउटपुट में क्या सिग्नल लेना चाहते  है 
वह यहाँ लिखते है।  जो प्रोग्राम हम void setup  में लिखते है वह केवल एक बार ही रन होती है लेकिन जिस प्रोग्राम को हम void  loop  के अंदर लिखते है वह बार बार रन होती है।   
प्रोग्राम
void setup (){
_pinMode (1 ,OUTPUT );
}
void loop (){
digitalWrite (1 ,HIGH );
delay (1000 );
digitalWrite (1 , LOW );
delay (1000 );
}
इस प्रोग्राम के द्वारा हमारी LED 1  सेकेंड के लिए चालू होगी और 1 सेकेंड के लिए बंद होगी हमारी LED  ऐसी प्रकार ऑन  ऑफ होती रहजेगी। 


what is breadboard ?ब्रेडबोर्ड क्या है?

 what is breadboard ?ब्रेडबोर्ड क्या है?


ब्रेडबोर्ड  एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसके सहायता से हमारे इलेक्ट्रानिक  काम बहुत ही आसान हो जाते है  यद् देखने में जाली जैसा होता है।  हम इसपर अनेक  सर्किट  बना सकते है।  इसकी खास बात यह है की हम इसपर सर्किट बना सकते है और सर्किट  बनाने ने लिए हमें सोल्डरिंग करने की जरुरत नहीं पड़ती है  जिससे हमारा काम बहुत आसान हो जाता है और हमारे समय की बचत हो जाती है इसपर सर्किट बनाने के लिए  कॉम्पोनेन्ट को सीधे ब्रेडबोर्ड  में ढसा दिया जाता है  और इसमें तारो को जोड़ने के लिए इसमें  छोटे छोटे जम्पर तारो का प्रयोग किया जाता है। 





what is ardiuno?आर्डिनो क्या है?

what is ardiuno?आर्डिनो क्या है?
ARDIUNO  एक पॉपुलर ओपन  सोर्स माइक्रोकंट्रोलर  है 
जिसके सहायता से बहुत सारे कामो को अंजाम दिया जा।   यह बच्चो का मनपसंद MICROCONTROLER    सहायता से  बहुत सारे  प्रोजेक्ट  बना पाते है क्योकि इसका  बहुत आसान होता है।   प्रयोग करने के लिए सबसे पहले इसको प्रोग्राम करना पड़ता है इसको कोड को अपलोड।   इसके बाद  वायरिंग करने के बाद इसको प्रयोग किया जाता है। इसको प्रोग्राम करने के लिए स्मार्ट फ़ोन अथवा कंप्यूटर में  ARDIUNO  IDE  सॉफ्टवेयर  को डाउनलोड करना पड़ता है।  इस सॉफ्टवेर के माध्यम  इसको प्रोग्राम किया जाता है   इसकी प्रोगरामिंग C ++  प्रोगरामिंग लैंग्वेज़ में किया जाता है  मार्किट में ऑर्डिनो के बहुत सारे बोर्ड आता है जैसे _ARDINO  UNO ,ARDINO  MINI ,ARDINO MEGA , इत्यादि ARDIUNO के पबोर्ड एंड सेंसर्स आते है इनके द्वारा बहुत सारे होम ऑटोमेशन प्रोजेक्ट , रिमोट कण्ट्रोल कार ,स्मार्टफोन कण्ट्रोल कार , वॉइस कण्ट्रोल प्रोजेवक्ट ,IOT  प्रोजेक्ट इत्यादि डेवलप किया जा सकता है 







AC के गैस को कैसे लॉक करे (HOW TO LOCK AIR CUNDISNOR REFRISERENT )

 AC  के गैस को कैसे लॉक करे (HOW TO LOCK AIR CUNDISNOR  REFRISERENT )  

  AC  के गैस को कैसे लॉक करे (HOW TO LOCK AIR CUNDISNOR  REFRISERENT )
कभी कभी ऐसा होता है की हमारे घरो की AC  को रिपेरिंग अथवा सर्विसिंग के लिए  अथवा एक को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाकर लगाना होता है ऐसे स्तिथि  में अगर हम AC  के पाइपों को डायरेक्ट खोल देते है तो  AC  के पाइपों में गैस रहेगी वह बहार निकल जाएगी ऐसे में हमें फिर से गैस चार्जिंग करने की आवस्यकता  पड़  सकती है इसी  कारण  से AC को खोलने से पहले गैस को लॉक करना आवश्यक होता है। 
AC  के गैस को लॉक करने केलिए  सर्वप्रथम  हमें आउटडोर के डिस्चार्ज लाइन को एलेनकि   के द्वारा  टाइट (बंद) कर देते है।  फिर AC  को 3  से 4  मिनट तक  चलते है जिससे आउटडोर के कंडेंसर में गैस स्टोर हो जाती है।  जैसे जैसे कंडेंसर में गैस स्टोर होती है वैसे  ही सक्शन लाइन की पाइप गरम हो जाती है जिससे हमें पता चलता है की गैस कंडेंसर में स्टोर हो चुकी है।  गैस को कंडेंसर में स्टोर करने के बाद एलेनकि  से सक्शन लाइन को भी टाइट (बंद) कर देते है.इसके बाद ही हम AC  के अन्य पाइपों को खोलते है। 
और जब दोबारा हमें AC  को इनस्टॉल करना होता है तो A C  के पाइपों को कसने के बाद फिर हमें फिर से कक्शन और डिस्चार्ज लाइन के पाइपों को एलेनकि  से खोल देना होता है 
सक्शन लाइन मोटी होती है डिस्चार्ज लाइन सक्शन लाइन से पतली होती है। 





एलेनकि 



Tuesday, December 14, 2021

what is rectifire? रेक्टिफायर क्या है?

what is rectifire? रेक्टिफायर  क्या है?


रेक्टिफायर    उसे करते है जो AC  CURRENT  को DC  CURRENT  में बदलता है 
रेक्टिफायर चार डायोड से बनाया जाता है और इसके OUTPUT  पर एक ELECTROLIGHT  कपैसिटर फ़िल्टर के लिए  प्रयोग किया जाता है।  रेक्टिफायर में चार डायोड इस प्रकार से जुड़े होते है की दो पॉइंन्ट से AC  सप्लाई को इनपुट किया जाता है।  और दो पॉइंटो  से  DC  सप्लाई को आउट किया जाता है रेक्टिफायर भी दो परकार के होते है 
1 . हाफ बेव रेक्टिफायर (HALF  WAVE  RECTIFIRE )
2 . फुल बेव रेक्टिफायर(FULL  WAVE  RECTIFIRE )

हाफ वेव रेक्टिफायर एक बार में किसी तरंग का केवल एक ही भाग को रेक्टिफाई कराया है लेकिन फुल वेव रेक्टिफायर तरंग नेगेटिव एव पॉजिटिव  दोनों भाग को एक बार में ही रेक्टिफाई कर देती  है। 



  

TRANCEFORMER ट्रांसफॉर्मर क्या है। what is tranceformer.?

 TRANCEFORMER ट्रांसफॉर्मर  क्या है। what is tranceformer.?
ट्रांसफॉर्मर  एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण  है।  यह लोहे जैसी चुंबकीय पदार्थ से बनी होती है
इसमें एक लोहे के कोर पर बाइंडिंग को लपेटा जाता है और उसपर कोर को लगाया जाता है 
ट्रांसफॉर्मर  इलेक्ट्रो मैग्नेटिक इंडक्शन (ELECTRO  MAGMETIC  INDEXON ) के सिद्धांत पर कार्य करता है  
इसमें दो तरह की बाइंडिंग होती है  एक प्राइमरी बाइंडिंग , दूसरा सेकेंडरी बाइंडिंग।   प्राइमरी  अथवा सेकेंडरी  में COIL  में फेरो की संख्या ट्रांसफॉर्मर के मान के अनुसार अलग अलग हो सकती है 
जब हम प्राइमरी COIL  में विद्युत्धारा प्रवाहित करते है तो ट्रांसफॉर्मर के मान के अनुसार सेकेंडरी COIL 
में विद्युत्धारा बहती है। अलग अलग कामो के लिए अलग अलग ट्रांसफार्मरों का प्रयोग किया जाता है। 
यह कई प्रकार के होते है जैसे _स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर ,
                                                स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर 
                                                ऑटो ट्रांसफॉर्मर  इत्यादि  




what is capacitor? कैपासिटर क्या है?

  what is capacitor? कैपासिटर क्या है?
कैपेसिटर एक इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट है।  यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के लिए बहुत ही आवश्यक  
उपकारण  है यह बैटरी  के सामान होता है।  यह आपने अंदर करंट को स्टोर कर के रखता है।  जिसको वह सर्किट में करंट की आपूर्ति करता है।  CAPACITOR  का मुख्य कार्य   सर्किट में भिद्युतधारा की साफ फ़िल्टर  करना होता है। यह भिद्युतधारा को साफ़ करता है। इसका मात्रक UF (UCO FARADE या MFD  MICRO FARADE  होता है। 
इसका प्रयोग लगभग सभी इलक्ट्रोनिक  सर्किट में किया जाता है। कपैसिटर भी कई प्रकार के होते है जैसे _ सिरामिक कपैसिटर , ELECTROLIGHT  कपैसिटर , POLARISE  कपैसिटर  इतयादि। 



LED क्या है? what is LED?

LED क्या है? what is LED?



 LED एक इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट है। इसका पूरा नाम (
LIGHT  EMMITING  DAOID ) होता है। इसका प्रयोग लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक 
सर्किट में किया जाता है यह भिद्युतधारा के उपस्थिति को दर्शाता है। 
इसमें दो टाँगे होती है एनोडे तथा कैथोड।  जब हम दोनों पॉइंट पर सप्लाई प्रदान करते 
है तो LED से प्रकाश उतसर्जित होती है यह एक प्रकार का डायोड ही होता है। 

luninous ico watt transistr location detail

  DRAIN CHANNAL 1 Q24-  7CW,1F,1P  NPN Q22-  2F                PNP Q26-  7CW,1F,1P  NPN Q25-  2F                PNP Q23-  7CW,1F,1P  NPN DR...